Income Tax 7Reasons: क्या आपने अचानक इनकम टैक्स का नोटिस अपने इनबॉक्स में देखा है? अगर हां, तो घबराएं नहीं। आप अकेले नहीं हैं। आमतौर पर, टैक्स भरने वालों के मन में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से मिलने वाले नोटिस को लेकर एक डर बना रहता है। 2025 में भी टैक्स डिपार्टमेंट की सख्त नजर हर टैक्स भरने वाले पर रहने वाली है। इस आर्टिकल में, हम आपको ऐसे 7 मुख्य कारण बताएंगे, जिनकी वजह से आपको 2025 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस मिल सकता है। यह जानकारी आपको इस तरह की परेशानी से बचने और पहले से तैयार रहने में काफी मदद करेगी।
इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें क्योंकि यहां हम आपको सिर्फ कारण ही नहीं बताएंगे, बल्कि यह भी समझाएंगे कि इन स्थितियों से कैसे बचा जा सकता है। हमने इस लेख को आसान भाषा में तैयार किया है ताकि हर कोई इसे आसानी से समझ सके। इसलिए, अंत तक बने रहें और अपने आप को टैक्स नोटिस की चिंता से मुक्त करें।
2025 में इनकम टैक्स नोटिस आने के 7 प्रमुख कारण
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब डाटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करता है। इससे उन्हें किसी भी टैक्स भरने वाले की आमदनी और खर्चों में अंतर या गड़बड़ी का पता लगाना आसान हो गया है। आइए अब उन 7 कारणों पर सीधा नजर डालते हैं जिनकी वजह से आपको नोटिस का सामना करना पड़ सकता है।
1. टैक्स रिटर्न नहीं भरना
अगर आकर आपकी आमदनी टैक्स छूट की सीमा से ज्यादा है, लेकिन आपने अपना इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) नहीं भरा है, तो यह नोटिस आने का सबसे आम कारण है। टैक्स डिपार्टमेंट के पास आपके बैंक या अन्य स्रोत से आमदनी का डाटा होता है। अगर उन्हें लगता है कि आपको रिटर्न भरना चाहिए था, तो वे आपसे जवाब मांग सकते हैं।
2. आमदनी के स्रोत छुपाना
कई बार लोग अपनी कुछ आमदनी को रिटर्न में दिखाना भूल जाते हैं या जानबूझकर छुपा देते हैं। मान लीजिए, आपने कोई फ्रीलांसिंग का काम किया है या कोई पार्ट-टाइम जॉब की है, लेकिन उसकी जानकारी आपने आईटीआर में नहीं दी। टैक्स डिपार्टमेंट को जब बैंक अकाउंट में आए इस पैसे का पता चलता है, तो वे आपसे सवाल कर सकते हैं।
3. टीडीएस मिसमैच यानी गड़बड़ी
आपको बता दें कि आपके雇主 (एम्प्लॉयर) या दूसरे लोग आपकी आमदनी पर टीडीएस काटकर टैक्स डिपार्टमेंट को जमा करते हैं। अगर आपके आईटीआर में दर्ज टीडीएस की रकम और डिपार्टमेंट के रिकॉर्ड में दर्ज रकम में फर्क है, तो यह मिसमैच नोटिस का कारण बन सकती है। इसलिए फॉर्म 26AS को अच्छे से चेक करके ही रिटर्न भरें।
4. बिना सबूत के बड़ी बचत दिखाना
अगर आपने अपने रिटर्न में ऐसी बचत दिखाई है जो आपकी known आमदनी के स्रोतों से मेल नहीं खाती, तो नोटिस आ सकता है। मिसाल के तौर पर, अगर आपकी सैलरी कम है लेकिन आपने एक साल में बहुत बड़ी एलआईसी प्रीमियम या पीपीएफ में पैसा जमा कराया है, तो डिपार्टमेंट यह जानना चाहेगा कि यह पैसा आया कहां से।
5. हाई वैल्यू के ट्रांजैक्शन
सूत्रों के मुताबिक, टैक्स डिपार्टमेंट उन लोगों पर खास नजर रखता है जो बड़े लेन-देन करते हैं। अगर आपने कोई प्रॉपर्टी खरीदी है, महंगी कार ली है, या फिर एक साल में 10 लाख रुपये से ज्यादा के कैश डिपॉजिट किए हैं, तो इनकी जानकारी सीधे टैक्स डिपार्टमेंट के पास पहुंचती है। अगर ये ट्रांजैक्शन आपके रिटर्न में दिखाई गई आमदनी से मेल नहीं खाते, तो नोटिस आना तय है।
6. रिफंड क्लेम में गलतियां
कई टैक्स भरने वाले जल्दबाजी में गलत तरीके से टैक्स रिफंड की क्लेम कर देते हैं। अगर आपके द्वारा क्लेम किया गया रिफंड शक के दायरे में आता है या फिर उसमें कोई गलत जानकारी पाई जाती है, तो टैक्स डिपार्टमेंट आपको नोटिस भेजकर सबूत मांगेगा।
7. किसी की शिकायत या रैंडम चेक
आमतौर पर ऐसा कम होता है, लेकिन कभी-कभी किसी शिकायत के आधार पर या फिर टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से random check के तहत भी नोटिस जारी किया जा सकता है। इसमें आपसे बिना किसी खास शक के आपके रिटर्न से जुड़े कुछ दस्तावेज मांगे जा सकते हैं।
इन सभी स्थितियों से बचने का सबसे आसान तरीका है कि आप अपना टैक्स रिटर्न पूरी ईमानदारी और सावधानी से भरें। अपने सभी आमदनी के स्रोतों को डिक्लेयर करें, फॉर्म 26AS को verify जरूर करें, और अपने सभी जरूरी दस्तावेजों को सही तरीके से सेव करके रखें। अगर फिर भी आपको नोटिस मिलता है, तो घबराएं नहीं और किसी टैक्स एक्सपर्ट की मदद लें। थोड़ी सी सजगता आपको बड़ी परेशानी से बचा सकती है।