HighCourt ID Mandate: अगर आप जमीन या प्रॉपर्टी से जुड़े किसी भी काम को लेकर सोच रहे हैं, तो यह खबर सीधे आपके लिए है। अब बिना आधार कार्ड के जमीन की रजिस्ट्री का काम रुक सकता है। हाल ही में सरकार ने एक नया आदेश जारी किया है, जिसमें प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड को जरूरी बना दिया गया है। इस आर्टिकल में हम आपको इस नए नियम की A से Z तक पूरी जानकारी देंगे, ताकि आपको किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें क्योंकि इसमें हम आपको न सिर्फ इस आदेश के बारे में बताएंगे, बल्कि यह भी समझाएंगे कि इसका आप पर क्या असर पड़ेगा, आपको किन बातों का ध्यान रखना है और प्रक्रिया को आसानी से कैसे पूरा कर सकते हैं। यहां आपको हर सवाल का जवाब एक ही जगह मिल जाएगा, इसलिए आर्टिकल को अंत तक पढ़ना बिल्कुल न भूलें।

HighCourt ID Mandate: अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए आधार कार्ड है जरूरी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश के कई हाईकोर्ट ने अब जमीन और प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है। सरकार का यह फैसला जमीन से जुड़ी धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के मकसद से लिया गया है। आधार कार्ड एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर देता है, जिससे किसी भी व्यक्ति की पहचान को सीधा और स्पष्ट तरीके से सत्यापित किया जा सकता है। इस नए नियम के बाद, अगर कोई व्यक्ति बिना आधार कार्ड के रजिस्ट्री ऑफिस जाएगा, तो उसका काम नहीं हो पाएगा।

इस नए आदेश के पीछे सरकार का क्या मकसद है?

आपकी जानकारी के लिए बता दें, सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन को और पारदर्शी और सुरक्षित बनाना है। पहले कई बार ऐसे मामले सामने आते थे जहां बिना मालिक की जानकारी के ही उसकी जमीन बेच दी जाती थी या फर्जी दस्तावेजों के जरिए रजिस्ट्री कर दी जाती थी। आधार कार्ड की मदद से अब ऐसा कर पाना बहुत मुश्किल होगा, क्योंकि बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से असली मालिक की पहचान तुरंत हो जाएगी।

रजिस्ट्री प्रक्रिया में क्या-क्या बदलाव हुए हैं?

पहले रजिस्ट्री के लिए वोटर आईडी, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे कई दस्तावेजों को मान्यता थी। लेकिन अब आधार कार्ड सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट बन गया है। आपको बता दें, रजिस्ट्री के दौरान अब आपके आधार कार्ड की जानकारी सिस्टम में दर्ज की जाएगी और उसका वेरिफिकेशन किया जाएगा। इसके अलावा, अगर जमीन बेचने और खरीदने वाले दोनों के आधार कार्ड लिंक नहीं हैं, तो भी प्रक्रिया पूरी नहीं होगी।

नए नियम का छोटे वर्ग के लोगों पर क्या असर पड़ेगा?

ऐसा माना जा रहा है कि इस नियम से गांव और शहरों में रहने वाले छोटे वर्ग के लोगों को थोड़ी मुश्किल हो सकती है, खासकर उन्हें जिनके पास अभी तक आधार कार्ड नहीं बना है या फिर उसमें कोई गलत जानकारी भरी हुई है। हालांकि, सरकार ने इसके लिए भी व्यवस्था की है। अगर किसी का आधार कार्ड नहीं है, तो वह तुरंत नजदीकी आधार केंद्र पर जाकर इसे बनवा सकता है। गलत जानकारी को सही कराने की प्रक्रिया भी बहुत आसान है।

रजिस्ट्री के लिए आधार कार्ड के अलावा और कौन से दस्तावेज चाहिए?

आधार कार्ड के साथ-साथ आपको अन्य जरूरी कागजात भी तैयार रखने होंगे। इनमें शामिल हैं:

  • जमीन से जुड़े सभी ऑरिजनल दस्तावेज
  • पैन कार्ड
  • अगर जमीन बेची जा रही है तो बिक्री विलेख
  • खरीदार और विक्रेता दोनों के पासपोर्ट साइज फोटो
  • बिजली या पानी का बिल, जो एड्रेस प्रूफ के तौर पर काम आए

मीडिया के अनुसार, इन सभी दस्तावेजों की कॉपी अटेस्टेड होनी चाहिए।

अगर आधार कार्ड नहीं है तो क्या करें?

अगर आपके पास आधार कार्ड नहीं है, तो घबराने की कोई बात नहीं है। आप ऑफिशियल UIDAI वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं और नजदीकी केंद्र पर जाकर बायोमेट्रिक डिटेल्स दर्ज करा सकते हैं। आधार कार्ड बनवाने की पूरी प्रक्रिया मुफ्त है और इसमें ज्यादा समय भी नहीं लगता। सूत्रों के मुताबिक, आधार कार्ड बनने में आमतौर पर 15 से 20 दिन का वक्त लगता है।

नए नियम से होने वाले फायदे

इस नए फैसले के कई अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे। इससे जमीन की धोखाधड़ी वाले मामलों में काफी कमी आएगी। प्रॉपर्टी डील्स और पारदर्शी बनेंगी। सरकार को भी टैक्स चोरी पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। आम लोगों की जमीन गलत हाथों में जाने से बचेगी, जिससे उन्हें लंबे समय का फायदा होगा।

आखिर में

तो अब आप समझ गए होंगे कि जमीन की रजिस्ट्री के लिए आधार कार्ड कितना जरूरी हो गया है। यह नियम आपकी संपत्ति की सुरक्षा के लिहाज से एक कमाल का कदम है। अगर आपके पास अभी तक आधार कार्ड नहीं है, तो इसे बनवाने में देरी न करें। इस आर्टिकल को अपने उन दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जरूर शेयर करें, जो प्रॉपर्टी से जुड़ा कोई भी काम करने की सोच रहे हैं। ताकि उन्हें भी पता चल सके और उनका काम आसानी से हो जाए।